मरते मीडियाकर्मी : डूबता न्यूज मीडिया
Visit us at : www. jamshedpurresearchreview.com मरते मीडियाकर्मी : डूबता न्यूज मीडिया Dr. Mithilesh Choubey Novelist and Editor JRR ISSN-2320-2750 एक तरफ कोरोना की महामारी ने हजारों पत्रकारों के सामने बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति पैदा कर दी है तो दूसरी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पत्रकार इस महामारी के शिकार हो रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार पिछले साल करीब 25% पत्रकारों की नौकरी गई थी. इस साल कोरोना की दूसरी लहर में भी अधिकतर अख़बारों की मानव संसाधन शक्ति पिछले वर्ष की तुलना में आधी हो गई है. अधिकतर मिडिया घराने अब स्ट्रिंगरस, स्वतंत्र पत्रकारों या कहें तो फ्री लानसेर्स के भरोसे समाचार संकलन करा रहे है. स्वतंत्र रूप से काम करने वाले तथा रिपोर्ट के आधार पर भुगतान पाने वाले इन पत्रकारों की हालत सबसे ख़राब है. खबर संकलन के क्रम में वे और उनके परिवार वाले कोरोना से लगातार संक्रमित हो कर अपनी जान गवां रहे हैं. स्वतंत्र होने की वजह से उन्हें अखबार या सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिलता. फर्स्ट पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 58 पत्रकार अपनी जान गवां चुके हैं. पिछले वर्ष कोरोना
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