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कोल्हानम छोटानागपुर के पठार में सनातन संपर्को को तलशती ईसापूर्व 2000 की रहस्यमय ऐतिहासिक कथा!!
कोल्हानम को घर बैठे मंगाने का तरीका: निम्नलिखित बैक खाते में 300 रूपये जमा करें तथा भुगतान की रसीद editorjrr@gmail.com अपने पते के साथ मेल कर दें. In favour of: Jamshedpur Research Review • Account No-33673401796, IFSC code – SBIN0000096, State Bank of India • Jamshedpur Main branch, Jamshedpur, Jharkhand संपर्क-09334077378
लेखक: डॉ० मिथिलेश कुमार चौबे मूल्य :300 रूपये प्रकाशक: ज्ञान ज्योति रिसर्च फाउंडेशन, जमशेदपुर, झारखण्ड ISBN; 978-93-5416-405-7(First Edition)- 31-August 2020) ISBN :978-93-5457-769-7(2nd edition)- (16 April 2021) सिनोप्सिस: कोल्हानम गहन अनुसन्धान पर आधारित एक ऐतिहासिक उपन्यास है., जो झारखण्ड के आदिवासियों की ईसा-पूर्व 200 की एक कहानी को बेहद रोचक, और रहस्यमय अंदाज से कहता है. इसे एक महज उपन्यास कहना इस रचना के साथ बेइंसाफी होगी. यह दरअसल झारखण्ड के आदिवासियों का हजारों साल पुराना अनकहा इतिहास है. झारखण्ड के अनजान असुर स्थल, अति प्राचीन मंदिर, पुराणों में वर्णित स्थल तथा नागवंश से जुड़े हजारों साल पुराने आख्यान.. और भी बहुत कुछ....... यह किताब एक सजीव इतिहास है. इस उपन्यास को पढने के बाद आदिवासियों के प्रति आपकी दृष्टि बदल जाएगी., और आप उन्हें भारत की प्राचीन संस्कृति के संरक्षक के रूप में देखने लगेंगे. आर्य-अनार्य से जुड़े मुद्दे हों या फिर देवताओं और असुरों से सम्बंधित विषय- यह किताब आपकों अपने तर्कों से संतुष्ट कर देगी.
गहन रिसर्च पर आधारित इस उपन्यास में मौर्यकालीन भारत तथा नागवंश, सातवाहन, शुंग वंश आदि के झारखण्ड की जनजातियों से संबंधों पर नवीन दृष्टि डाली गई है. इस उपन्यास में आधुनिक भारत में युद्ध स्तर पर हो रहे धर्मांतरण जैसे विषय को बेहद गंभीरता से उठाया गया है और इसके भावी प्रभाव की चर्चा की गई है. इस उपन्यास का कथानक और कहानी कहने की शैली पाठक को एक साँस में इस कृति को समाप्त करने के लिए मजबूर कर देगी. इस उपन्यास में विश्वविद्यालयों में शोध के नाम पर होने वाले बौद्धिक घोटालों और इतिहास लेखन के नाम पर बेचे जाने वाले झूठ को भी उजागर किया गया है.
झारखण्ड के प्राचीन इतिहास की पृष्ठभूमि में लिखा गया यह उपन्यास विशेषज्ञों की राय में बेहद पठनीय, नवीनतम जानकारी से भरपूर तथा रहस्य और रोमांच से लबरेज है. इस उपन्यास के लेखक का यह दूसरा उपन्यास है. उनके द्वारा लिखा गया पहला उपन्यास ‘सन अस्सी’ वर्ष 2016 के सबसे अधिक बिकने वाले क्षेत्रीय उपन्यासों में से एक था. इस उपन्यास के लेखक एक सिद्धहस्त लेखक हैं तथा झारखण्ड से छपने वाली रिसर्च पत्रिका ‘Jamshedpur Research Review’ के 45 अंकों का सफल संपादन कर चुके हैं. उनके लिखे रिसर्च आलेख दुनिया भर में पढ़े जाते है. ऐसे पाठक जो झारखण्ड के प्राचीन इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तथा यहाँ सदियों से निवास करने वाली जनजातियों जैसे: मुंडा, असुर, संथाल आदि के शेष भारत के साथ के प्राचीन संबंधो को जानना-समझना चाहते हैं, उन्हें यह किताब उन्हें बेहद पसंद आएगी.
कोल्हानम को घर बैठे मंगाने का तरीका: निम्नलिखित बैक खाते में 300 रूपये जमा करें तथा भुगतान की रसीद editorjrr@gmail.com अपने पते के साथ मेल कर दें. In favour of: Jamshedpur Research Review • Account No-33673401796, IFSC code – SBIN0000096, State Bank of India • Jamshedpur Main branch, Jamshedpur, Jharkhand • Phone-09334077378 पता: Jamshedpur रिसर्च रिव्यु, 62,ब्लॉक-3,कदमा, जमशेद्पुर, झारखण्ड-831005 पुस्तक पर पाठकों की प्रतिक्रियायें: https://jamshedpurresearchreview.blogspot.com/

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